POETRY WRITING

"KUTCH ANKAHI BAATE"

जाना कुछ तो है तुमसे..... पर मलाल तो नहीं
माना तंगहाल हूं जरा सा..... बदहाल तो नहीं
मेरा पता मिले किसी को तो पते पर भेज दे
मेरा पता था मुझे पर.... मगर फिलहाल तो नहीं
मेरे सुकून के घर की मजह दो चाभियां थी
सच सच बता मुझे.... चोर तेरा ख्याल तो नहीं
जाना मेरा हर एक जवाब तुममें ही क्यों है
सवाल तो ये  है के....ये वाजिब सवाल तो नहीं
वो सोचता होगा....के यूं होता तो कैसा होता
कहीं उसका जीना मेरी तरह मुहाल तो नहीं
इस गुजरते वक़्त का एहतीराम बन जा
मैं आगाज बनता हूं.... तु अंजाम बन जा
मत पूछ के सफर मेरा कितना है बांकी
आ मेरा हाथ पकड़....मेरा आयाम बन जा
मेहमां ना बन मेरी नज़रों में पल दो पल का
मेरी पलकों पे रह..... मेरी सुबह- साम बन जा
कौन रहता है साथ हश्र तक....पर तु रहना
मेरी रूह से मिले...मेरे कब्र का आराम बन जा

By:-
NameMd. Sameer
StreamCSE
Roll No.: 114
CollegeTMSL, Kolkata


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